माँ सुनाओ मुझे वो कहानी जिसमें राजा न हो ना हो रानी… (Part II)

माँ सुनाओ मुझे वो कहानी जिसमें राजा न हो ना हो रानी… (Part II)

नहीं नहीं मम्मा मुझे नहीं जाना स्कूल… वहाँ तो कितने सारे लोग होंगे ना”  कह के नन्ही गुड़िया माँ की गोद में दुबक गयी।

पर बेटा स्कूल तो सब बच्चे जाते हैं वहाँ आपको बहुत मज़ा आएगा… वहां पर खूब खिलौने होंगे…वहां पे..

नहीं   मम्मा…  मुझे डर लगता हैं … मुझे कहीं नहीं जाना…  मुझे बस आपके पास रहना हैं।

गुड़िया को इस साल स्कूल डालना हैं. एडमिशन शुरू होने में अभी 2 महीने हैं पर स्कूल तलाशना तो अभी ही शुरू करना होगा। स्कूल जाने के नाम से अचानक ही गुड़िया की घबराहट बढ़ गयी हैं। अभी कुछ देर पहले तक ऐसा नहीं था जब मम्मा ने बताया की स्कूल जाने को मिलेगा तो इस बात से गुड़िया खुश ही हुई थी। उसने देखा था पड़ौस के बच्चे को रोज ready हो कर रंग बिरंगे बैग्स ले कर स्कूल बस में बैठते। “मम्मा जे दीदी भैया सब कहाँ जा ले हैं …”  पूछने पर स्कूल के बारे में सब बताया था मम्मा ने ! 

वाSS श्कूल में तो कित्ता मजा आता हैं…. कहते हुए गुड़िया की बड़ी बड़ी आँखों में कई सपने तैर गए थे।

मुझे भी जाना हैं श्कूल मम्मा… मुझे भी जाना है … चलो ना चलें। अभी बस थोड़े से दिन और… फिर जब न्यू बच्चों को लेना शुरू करेंगे स्कूल में, तब आप भी जाना !

Yeah!  मैं भी श्कूल जाऊंगा… तालियां बजाती गुड़िया उछलती कूदती सबको बताने चल पड़ी।

भुआ भुआ पता हैं मैं स्चूल जाऊंगा … पापा पता हैं स्चूल जाऊंगा…  yeah !! 

हाँ हाँ जाना स्कूल फिर पता चलेगा मैडम ही ठीक करेगी तुझे ! खूब पढ़ाई करनी पड़ेगी ! सब मस्ती ख़त्म अब ! पड़ौस के घर से आयी आंटी ने गुड़िया को छेड़ा। पापा भुआ सब हंस दिए…. “और क्या बच्चू सब मस्ती ख़त्म अब तेरी.. स्कूल में सबको “ठीक” कर देती हैं मैडम !

हंसती फुदकती गुड़िया को जैसे ब्रेक लग गए !  फिर भी अपने बिखरते यकीन को समेटते हुए बोली ” नैई मैडम तो प्यार कलती हैं बच्चों को…

मैडम कोई नई करती प्यार व्यार! शैतान बच्चों को ‘set’ कर देती हैं वो !

पर मैं तो अच्छा बच्चा हूँ…. गुड़िया अब थोड़ी रुआंसी हो गयी थी

“वो तो मैडम ही बताएगी अच्छा बच्चा हैं की शैतान बच्चा हैं” और सब ठहाका लगा कर हंस पड़े।

अब तक मम्मा वहां आ गयी थी और आखिरी की दो लाइन सुन कर सब समझ भी गयी थी। मम्मा ने एक सख्त नज़र सब पर डाली और गुड़िया को वहाँ से ले गयी।

मम्मा मैं अच्छा बच्चा हूँ न ? हाँ बेटू आप तो बहुत अच्छे बच्चे हो। मैडम मुझ पे गुसशा कलेगी क्या ? नहीं बच्चे मैडम किसी बच्चे पर गुस्सा नहीं करती। जो शैतानी करते हैं न उनको प्यार से समझाती हैं। “फिल क्यों आंटी ने बोला मैडम गुसशा कलेगी…?  वो झूट बोली थी मेले से… ? बेटू वो मजाक कर रही थी। 

“मजाक मतलब…  ? गुड़िया ने पूछा।

मजाक मतलब…. एक तरह से झूठ ही बोलना, पर जिस से किसी को परेशानी न हो और सबको हंसी आये, उसको मजाक कहते हैं।

पर मेले को तो हंसी नी आयी थी तो फिल झूट ही हुआ न ? मजाक नई हुआ जे तो !

“हम्म आप ठीक कह रहे हो ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए। सबका ध्यान रखना चाहिए” मम्मा ने कहा।

मम्मा पर मैं स्कूल नहीं जाऊंगा आपके पास ही रउंगा। नन्हे मन में एक अनजाना सा डर घर कर ही गया था। यही मैं नहीं चाहती थी और यही हो गया था। गुड़िया को सुला के बाहर आयी और घर में सब लोगों को स्पष्ट तौर पर समझाया की गुड़िया के मन में अब कोई भी स्कूल को ले कर भ्रांतियाँ नहीं डालेगा। स्कूल बहुत अच्छी जगह हैं यही यकीन उसे फिर से दिलाना हैं। 

अगली सुबह स्कूल बस का हॉर्न सुन कर रोज की तरह गुड़िया भाग कर बाहर नहीं गयी। मैं समझ गयी थी मामला अभी सम्भला नहीं हैं।

“मम्मा कल तो हमाला स्टोरी टाइम ही नहीं हुआ था मैं ऐशे ही सो गया था… आपने मुझे ऐशे ही क्यों शुलाया ?”

ओह सॉरी सॉरी चलो आज आपको न्यू स्टोरी सुनाते हैं।

हम्म फिल ठीक हैं गुड़िया मुस्कुरा दी।

एक बार एक seed था एक दम छोटू सा… नन्नू सा

Seed ? वो जो oranges में होता हैं वो वाला seed मम्मा ? हम्म्म वही वाला seed. 

जमीन में न एक छोटा सा होल (hole) था वो seed वहीँ पे रहता था। वो अकेला बहुत बोर होता रहता था .. पर बाहर जाने में उसको बहुत डर लगता था। एक दिन उसके घर पे किसी ने नॉक नॉक किया  “हेलो… अंदर कोई हैं? किसी ने आवाज दी।

हाँ मैं हूँ अंदर -seed. ये मेरा घर हैं। तुम कौन ?

“मैं टैडपोल हूँ” बाहर से आवाज आयी।  बाहर बहुत ठण्ड हैं… क्या मैं तुम्हारे साथ रह सकता हूँ ?

seed बड़ा खुश हुआ उसने कहा हाँ हाँ क्यों नहीं जरूर ! वैसे भी मेरा कोई फ्रेंड नहीं हैं मैं तो बहुत बोर होता हूँ।

seed और टैडपोल दोनों साथ साथ रहने लगें।

टैडपोल कौन होता हैं मम्मा ?

हम्म टैडपोल मतलब मेढक का बेबी एक दम नन्नू सा बेबी होता हैं वो।

ओSS अच्छा !

Seed  और  टैडपोल खूब खेलते मस्ती करते खूब बातें करते।

एक दिन फिर बाहर से आवाज आयी – नॉक नॉक “हेलो… अंदर कोई हैं?

हाँ हाँ हम दोनों हैं न अंदर seed और टैडपोल।  तुम कौन ?

मैं हूँ कैटरपिलर ! मैं अंदर आ जाऊ ?

अरे हाँ क्यों नहीं ! आओ आओ ! बहुत मजा आएगा हम दो दोस्त थे अब तीन हो गए !

वो तीनों मजे से रहने लगें। खूब खेलते खूब बातें करते खूब हँसते !

ऐसे करते करते बहुत दिन बीत गए। सर्दियाँ ख़त्म होने वाली थी। एक दिन टैडपोल ने कहा “अब मुझे जाना होगा।”

“जाना होगा !! क्यों? कहाँ ? Seed ने पूछा।

सर्दियाँ ख़त्म होने वाली हैं अब मुझे बाहर जमीन पर सूरज की रौशनी में रहना होगा तभी मैं बड़ा हो सकूंगा।

पर तुमको बड़ा क्यों होना हैं ? हम ऐसे ही खुश तो हैं न !

नहीं नहीं अगर में बड़ा नहीं होऊंगा तो बाकि लोगों की सहायता कैसे करूँगा? दूसरे नन्नू टैडपोल्स का ख़याल कैसे रखूँगा ? बाहर नहीं जाऊंगा तो मैं ये सब करना कैसे सीखूंगा। अब मुझे जाना ही होगा। Seed तुमको भी इस गहराई से थोड़ा ऊपर जाना होगा जहाँ तुम grow हो सकों। तुमको भी तो tree बनना हैं न।

tree ? tree कैसे बनते हैं ? seed ने पूछा।

अरे बहुत आसान हैं बस तुम इसी मिटटी में थोड़ा ऊपर जाओ फिर तुम में से sprout निकलेगा। उसपे धूप आएगी फिर बारिश आएगी फिर धीरे धीरे बड़ा होगा और फिर एक दिन तुम tree बन जाओगे।

इतना सब होगा ! ओह मुझे तो सोच कर ही डर लग रहा हैं ! मुझसे नहीं होगा ये सब।

जरूर होगा मेरे दोस्त कह कर टैडपोल चला गया। Seed बहुत उदास हुआ।

अब वो और कैटरपिलर रह गए थे। कुछ दिन बाद कैटरपिलर ने कहा “seed अब मुझे भी जाना होगा।”

अरे तुमको क्यों जाना हैं !!

जाना होगा seed मैं इस छोटे से होल में नहीं रह सकती।अब मेरा butterfly बनने का वक़्त आ गया हैं।  मुझे butterfly बनना हैं … खूब उड़ना हैं। बाहर जाना होगा दोस्त।

और थोड़ी ही देर में कैटरपिलर बटरफ्लाई बन गया !

मत जाओ न मैं अकेले कैसे रहूँगा… seed ने कहा।

Seed तुमको बहुत सारे दोस्त मिलेंगे – खूब सारी चिड़िया आएँगी… मैं भी वापस आउंगी पर इसके लिए तुमको tree बनना होगा।

बटरफ्लाई भी चली गयी। seed बहुत उदास हुआ।

अब अकेले रहना बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था। उसके दोनों फ्रेंड्स तो बड़े होने के लिए, कुछ सीखने के लिए चले गए थे।

एक दिन seed ने हिम्मत की और मिटटी में थोड़ा ऊपर गया। सूरज की तेज रौशनी से उसकी आँखें बंद हो गयी। पर उसने सोच लिया था की अब तो उसे tree बनना ही हैं। वो वैसे ही बैठा रहा। थोड़ी देर में बादल घिर आये बारिश होने लगी। seed के आस पास की मिटटी गीली होने लगीं थी। बारिश रुकी तो गीली मिटटी से उसको गुदगुदी होने लगी। seed को बड़ा मजा आया। वो आराम से सो गया। सुबह उठा तो देखता क्या हैं उस में से एक छोटी सी root निकल आयी हैं। और फिर धीर धीरे उसमे से २ पतियाँ भी निकल आयी। सूरज की रौशनी से वो बेकार ही डर रहा था ! कितनी अच्छी लगती हैं धूप जब पत्तियों पर पड़ती हैं। धूप तो कितना प्यार से सीखा रही है उसको  tree बनना। धूप बहुत अच्छी टीचर होती हैं। अगर वो धूप के पास नहीं आता तो कैसे सीखता ये सब !

धीरे धीरे seed पौधा बन गया और फिर एक दिन पेड़ बन गया। उस पर मीठे मीठे oranges भी आने लगें। उसकी डालियों पर खूब सारी चिड़ियाँ आती थी।

एक दिन  उसको अपनी stem पर गुदगुदी सी महसूस हुई उसने झुक कर देखा तो अरे ! ये तो एक frog था ! क्यों दोस्त मुझे पहचाना ! मैं हूँ तुम्हारा वो टैडपोल !

tree उसको देख कर ख़ुशी से झूम उठा ! दोनों ने खूब बातें की इतने में उड़ती उड़ती एक बटरफ्लाई भी आ गयी। हेलो दोस्तों ! पहचाना मुझे ! दोनों बोले अरे कैटरपिलर तुम ! कितने सुन्दर हो गए हो ! तीनों दोस्त फिर से मिल गए थे और फिर वो ख़ुशी ख़ुशी हमेशा साथ रहे।

वाह सब हैप्पी हैप्पी हो गए। गुड़िया ने ख़ुशी से तालियाँ बजायी।

“कल हम एक seed grow करेंगे।उसको बोलेंगे डरना नहीं। ग्रो होना बहुत अच्छी बात होती हैं न !”  मम्मा ने कहा।

yeah … !!! हाँ मम्मा कल seed grow करेंगे।

अगले दिन हमने एक गमले में बीज बोया।

गुड़िया ने उसे बहादुर seed की स्टोरी भी सुनाई ! seed तुम डरना मत ! तुम जरूर ग्रो होना। tree कैसे बनते हैं वो तुमको सनलाइट सीखा देगी। सनलाइट तुम्हाली मैडम हैं न।

4-5  दिन में वो बीज अंकुरित हो गया।  मिटटी के ऊपर नन्ही सी कोम्पल झांक रही थी।

मम्मा मम्मा देखों seed grow हो गया !! seed नहीं डरा …  वो नहीं डरा मम्मा वो ग्रो हो गया… !!! गुड़िया की ख़ुशी का ठिकाना ना था !

अरे वाह seed तो हमारी गुड़िया जैसा बहादुर हैं ! मम्मा ने गुड़िया को high five देते हुए कहा।

मैं और seed फ्रेंड हैं न मम्मा। हाँ बिलकुल हो। और अब seed और गुड़िया दोनों ग्रो होंगे। seed को उसकी टीचर सिखाएगी और गुड़िया को उसकी टीचर ! है न ?

अले… पल पहले मेले को स्चूल तो भेजो फिल सीखूंगी न ! गुड़िया ने नकली सा सर पीटते हुए कहा और मम्मा गुड़िया दोनों हंस पड़े और खूब देर हँसते रहे।

😀 MISSION COMPLETE !!!