माँ सुनाओ मुझे वो कहानी जिसमें राजा न हो ना हो रानी… (Part II)
नहीं नहीं मम्मा मुझे नहीं जाना स्कूल… वहाँ तो कितने सारे लोग होंगे ना” कह के नन्ही गुड़िया माँ की गोद में दुबक गयी। पर बेटा स्कूल तो सब बच्चे जाते हैं वहाँ आपको बहुत मज़ा आएगा… वहां पर खूब खिलौने होंगे…वहां पे.. नहीं मम्मा… मुझे डर लगता हैं … मुझे कहीं नहीं जाना… …
माँ सुनाओ मुझे वो कहानी जिसमें राजा न हो ना हो रानी… (Part I)
कहानियाँ बड़े कमाल की चीज होती हैं और कोई ऐसा वैसा कमाल नहीं बल्कि नन्हे बच्चों के व्यवहार में रातों रात बदलाव ले आये इतने कमाल की चीज ! बच्चों की ये कहानियाँ अगर उनके जीवन से जुड़ीं हो तो बड़े काम की साबित होती हैं। कैसे…? चलिए मामूली सी दिखने वाली कुछ अलबेली कहानियों के…
कहानियाँ बस कहानियाँ नहीं होती….
‘कहानियाँ’… वही, जिनसे आपके नन्हें मुन्नों को बहुत प्यार होता हैं… और जिनके बिना नींद ही नहीं आती… कहानियाँ कुछ ऐसी दिखती हैं – हँसने खिलखिलाने की बातें…सपनीली दुनिया की सैर…! पर वास्तव मेंकहानियाँ रच रही होती हैं – आपके बच्चे की सोच ! आपके बच्चे का दृष्टिकोण ! कहानियाँ…bed time stories ! कहानियों को मामूली ना समझें। आज…